एन.के. इक्विपमेंट ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो के माध्यम से खोया बनाने वाले मशीन की प्रक्रिया को दिखाया गया | इस वीडियो में यह भी बताया गया कि एन.के. इक्विपमेंट ने मावा और खोया बनाने वाली मशीन की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने के लिए डिज़ाइन किया है | पंजाब में खासकर यह मशीन सटीकता के साथ निपुणता को जोड़ता है, जिसके परिणाम हर बार लगातार निसंदेह होते है | चाहे आपने खोया का उत्पादन छोटी मात्रा में करना हो या फिर बड़े पैमाने में यह मशीन हर स्तर के विनिर्माण इकाई में उत्पादन करने की आवश्यकतों को पूरा करने के लिए आदर्श समाधान है |
एन.के. इक्विपमेंट ने यह भी बताया की इस मशीन का निर्माण खोया के निर्माण के दौरान आने वाले जटिलताओं को देखकर ही किया गया है, जिसकी मदद से आप न्यूनतम कोशिशों के साथ उत्तम उत्पाद को प्राप्त कर सकते है | गर्म करने से लेकर हिलने तक और ठंडा करने से लेकर आकर देने तक हर कदम पर इस मशीन को सहज़ता के साथ डिज़ाइन किया गया है, जो विश्वशनीय प्रदर्शन और गुणवन्ता से भरपूर उत्पादन की गारंटी देता है |
यदि आप भी अपने डेयरी व्यवसाय के लिए ऐसे ही खोया बनाने वाली मशीन की खोज कर रहे है तो इसमें एन.के. इक्विपमेंट आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के पास डेयरी व्यवसाय से जुड़ी हर तरह के लेटेस्ट उपकरण और नयी टेक्नोलॉजी उपलब्ध है, इसके साथ ही यह संस्था आपको डेयरी व्यवसाय से जुड़ी विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करने में आपकी मदद कर सकते है | इसलिए आज ही एन.के. इक्विपमेंट नामक वेबसाइट पर जाएं और दिए गए नंबरों से संपर्क करें |
इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप दिए गए लिंक पर क्लिक करें और इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप एन.के. इक्विपमेंट नामक यूट्यूब चैनल पर भी विजिट कर सकते है | इस चैनल पर आपको इस विषय संबंधी संपूर्ण जानकारी पर वीडियो प्राप्त हो जाएगी |
एनके डेयरी इक्विपमेंट ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में खोया मावा मिल्किंग मशीन के कार्य करने की प्रक्रिया के बारे में दिखाया गया | उन्हीने ने यह भी बताता की इस मशीन का निर्माण दूध से खोया और मावा बनाने की तकनीक को सरल बनाने के लिए किया गया है | खोया और मावा का उत्पादन चाहे छोटे पैमाने में करना हो या फिर बड़े पैमाने में, यह मशीन आपके हर प्रकार के आवश्यकताओं पूरा करने के लिए एक आदर्श समाधान है |
एनके डेयरी इक्विपमेंट ने यह भी बताया कि पहले के दशक में खोया और मावा उत्पादन में आने वाले की जटिलताएं के कारण काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता था और इसके साथ ही समय भी बहुत लगता था | इसलिए इस बात को मध्य-नज़र रखते हुए ही इस मशीन का निर्माण किया गया है, जिसकी मदद से आप कम से कम मेहनत करके अधिक से अधिक खोया और मावा के उत्पादन की क्षमता को बड़ा सकते है | पंजाब में यह मशीन खासकर कुशलता के साथ सटीकता को भी जोड़ने का कार्य करती है, जिससे उत्पादन हुए खोया और मावा के परिणाम हर बार लगातार सुनिक्षित होते है |
यह मशीन गर्म करने से लेकर ठंडा करने तक, आकर देने से लेकर हिलाने तक हर कदम पर स्वाभाविकता से एकत्रित होती है | एनके डेयरी इक्विपमेंट अपने संपूर्ण विश्व के ग्राहकों की सेवा करने के लिए सीमा से परे जाते है और साथ ही यह संस्था द्वारा निर्माण किये गए खोया मावा मिल्किंग मशीन का कोई भी अपवाद नहीं है | एनके डेयरी इक्विपमेंट लेटेस्ट तकनीक और असाधारण विशेषज्ञ के साथ मिलकर हर तरह के मशीन का निर्माण उच्च गुणों के साथ करती है, जो पूरे देशभर में डेयरी उत्पादों बनाने की प्रक्रिया को सरल और स्वादिष्ट बनाने में सक्षम होती है |
इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप एनके डेयरी इक्विपमेंट नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है या फिर दिए गए लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को पूरा देखें | इसके अलावा आप एनके डेयरी इक्विपमेंट के वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क भी कर सकती है | इस संस्था के पास डेयरी फार्मिंग से संबंधित हर प्रकार के आधुनिक उपकरण और औज़ार मौजूद होते है |
इस लेखन में हम जानेंगे की खोया बनाने के लिए हमे किन विधियों से होकर गुजरना पड़ता हैं..
खोया बनाने के लिये सबसे पहले दूध को एक कड़ाही या किसी गहरे बर्तन में गर्म करें। (कड़ाही लोहे की हो ऐसा जरूरी नहीं है)
जब दूध धीरे-धीरे गर्म होने लगता है और उसमे उफान आने लगता है। तो ताप का विशेष ध्यान दें |
समयसमय पर एक बडी छेद-दार करछी से धीरे-धीरे दूध हीलाते रहें, ताकि उसमें दूध का रंग जला हुआ ना लगे।
दूध को तब तक गर्म करना होता है, जब तक गाढ़ा ना हो जाये।
थोड़ी देर में यह ठोस रूप ले लेता है। अब इसे आप उतार कर ठंडा कर लें। ठंडा हो जाने पर यह दानेदार हो जाता है इसके बाद आप दूसरे बर्तन मे रखकर खोया को निज़ी इस्तेमाल में ला सकते हैं।
खोया के कितने प्रकार है :
खोया बनाने के मुख्ततः तीन प्रकार है, जिनका वर्णन हम निम्न करेंगे..
बट्टी खोया :
इस खोए के प्रकार में पहले दूध को अधिक गाड़ा किया जाता है, फिर बना हुआ खोया दूध का करीब पांचवा हिस्सा ही रह जाता है। बता दे कि खोया बनने के बाद, कटोरे के आकार में खोया जमा दिया जाता है।
और इस खोया को लड्डू और बर्फी बनाने के काम में लिया जाता है।
चिकना खोया:
इस खोया को दाव खोया के नाम से जाना जाता है, और यह खोया बट्टी खोया की ही तरह बनता है, लेकिन इसे बट्टी खोया जितना गाढ़ा नहीं होने दिया जाता,यानी कि इसको थोड़ा पहले ही उतार लिया जाता है।
तो वही खोया देखने में हलवा जैसा गाढ़ा होता है। और यह खोया रसगुल्ले बनाने के काम मे लिया जाता है।
दानेदार खोया :
इस खोए को भी दूध से ही बनाया जाता है, लेकिन… इसमें दूध में उबाल आने से पहले थोड़ा सा नीबू का रस डालकर दाने दार बना लिया जाता है, जिसे खोया बनाने वाले कारीगर अच्छे से जानते हैं।
तो वहीं इस खोए का प्रयोग कलाकन्द,लड्डू और दाने दार लौकी की बर्फी बनाने के लिये किया जाता है।
सुझाव :
यदि आप भी आज के मिलावटी खाने से निजात पाना चाहते है, तो आज ही दूध से क्रीम निकालने की मशीन, खोया मशीन का इस्तेमाल करें और मिलावटी खाने से छुटकारा पाए |
फायदे क्या है खोया खाने के :
खोया खाने के निम्नलिखित फायदे है, जो हमारे शरीर को काफी ऊर्जा प्रदान करते हैं..
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती हैं।
हड्डियों को मजबूत बनाती हैं।
हृदय के लिए फायदेमंद।
बालों को मजबूत बनाती हैं |
त्वचा के लिए फायदेमंद हैं।
नुकसान क्या है मिलावटी खोया खाने के :
आप में से बहुत से लोग सोच में पड़ गए होंगे की भला दूध से बनें व्यंजनों से वो भी नुकसान, कैसे हो सकता है…तो बता दे कि दूध से बनें पकवानों का भी नुकसान हैं, यदि आप नकली किस्म के खोए या मावे का इस्तेमाल करते हैं..
० उल्टी और दस्त का आना नकली खोए के इस्तेमाल से |
० किडनी के लिए नुकसानदायक |
० पेट में दर्द होना |
० अपच की समस्या का सामना करना |
निष्कर्ष :
यदि आप भी शुद्ध और किफ़ायती दूध से बने व्यंजन खाना चाहते हैं, तो NK Dairy Equipments से खोया बनाने वाली मशीन जरूर खरीदे। और अपनी सेहत का ध्यान रखें और मिलावटी खाद्य प्रदार्थो से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखे।
In the dairy industry, development plays an important part in enhancing productivity and efficiency. One such development that has changed the customary strategy for making khoya (a dairy product generally utilised in Indian desserts) is the Khoya Machine. This cutting-edge equipment has acquired ubiquity among dairy manufacturers for its capacity to smooth out the khoya production process and convey consistent outcomes. In this blog, we will dive into the benefits of the Khoya Making Machine and the way things are changing the dairy industry.
Increased Productivity and Efficiency:
Dairy Equipment Manufacturers have acquainted the Khoya Making Machine with streamlining the khoya production process. This machine robotizes different advances, like warming, blending, and vanishing, bringing about increased productivity and efficiency. With its exact temperature control and computerized functions, the machine guarantees consistent quality and lessens physical work, permitting dairy manufacturers to create khoya in bigger amounts and satisfy the developing business sector need.
Consistent Quality and Texture:
The Khoya Making Machine utilizes trend-setting innovation to keep up with the best temperature, dampness, and cooking time, guaranteeing consistent quality and texture of khoya. This consistency is critical for the planning of customary Indian desserts, as it improves the taste and presence of the eventual outcome. By taking out human mistakes and fluctuations in the cooking system, the machine ensures consistency in khoya production, making it exceptionally alluring for dairy manufacturers.
Time and Cost Savings:
Generally, making khoya required long periods of manual blending and observing, prompting huge time and work costs. Nonetheless, the Khoya Making Machine limits the time and exertion expected for khoya production. Its computerized highlights diminish the requirement for steady management and manual mediation, permitting dairy manufacturers to effectively apportion their assets more. Furthermore, the machine’s energy-productive plan streamlines energy utilization, bringing about cost savings for dairy manufacturers.
Improved Hygiene and Food Safety:
Keeping up with hygiene and guaranteeing food safety are central in the dairy industry. The Khoya Making Machine is planned in light of hygiene, highlighting hardened steel surfaces that are not difficult to clean and disinfect. The computerized cycle limits human contact with the khoya, decreasing the gamble of tainting. Besides, the machine’s exact temperature control forestalls the growth of hurtful bacteria, guaranteeing the safety and quality of the khoya created.
Conclusion:
The Khoya Making Machine has arisen as a distinct advantage in the dairy industry, offering various benefits to dairy manufacturers. From increased productivity and consistent quality to time and cost savings, this exceptional equipment has reformed the khoya production process. With its emphasis on hygiene, food safety, and versatility, the Khoya Making Machine and Ghee Plant are forming the fate of the dairy industry, empowering manufacturers to fulfill purchaser needs and flourish in a cutthroat market. Thus, on the off chance that you’re a dairy manufacturer hoping to improve your production capacities and smooth out your khoya production process, putting resources into a Khoya Making Machine from believed Dairy Equipment Manufacturers in India like NKD Dairy Equipments can be a huge step towards accomplishing your objectives.
दूध से क्रीम निकालने वाली मशीन एक उपयोगी मशीन है जिसकी सहायता से दूध से क्रीम को निकाला जाता है। इस मशीन को दूध सेपरेटर मशीन और क्रीम सेपरेटर मशीन के नाम से भी जाना जाता है।
एक मात्र दूध से क्रीम निकाल कर हम काफी मुनाफा कमा सकते हैं जिससे कि हमारी आमदन में भी काफी मुनाफा होगा।
तो वहीं दूध से क्रीम अपकेंद्रीकरण की प्रक्रिया के द्वारा निकाला जाता हैं।
यदि आप अधिक मुनाफा कमाने की चाहत को बरकरार रखना चाहते हैं तो बिना समय गवाए आज हीदूध से क्रीम निकालने की मशीन को ख़रीदे।
मल्टी फूड प्रोसेसिंग मशीन क्या हैं ?
आज के इस लेखन में हम मल्टी फूड प्रोसेसिंग मशीन और दूध से कई दुग्ध खाद्य प्रदार्थ निकालने की मशीन के बारे में जानेगे, जिनका वर्णन हम निम्न में प्रस्तुत करेंगे ;
मल्टी फूड प्रोसेसिंग मशीन एक मात्र वो मशीन हैं जिसकी मदद से हम खाने के कई सारे व्यंजन आसानी से बना सकते हैं।
इस मशीन की मदद से आप खजूर के बीज से कॉफी और खजूर के छिलकों से मिल्क शेख बहुत ही आसानी से बना सकते हैं बस इसके लिए आपको बढ़िया किस्म के मशीन लेने की जरूरत हैं।
तो वही इस मशीन का चुनाव रेस्टुरेंट, ढाबा और जिन्होंने कम समय में ज्यादा व्यंजन बनाना होता है वो करते हैं।
दूध से कई खाद्य प्रदार्थ निकालने की मशीन !
एक मात्र दूध से आप कई खाद्य प्रदार्थ निकाल सकते हैं जिनका वर्णन हम निम्न में करेंगे –
खोया या मावा बनाने की मशीन।
क्रीम सेपरेटर मशीन।
मक्खन को मथने की मशीन।
पनीर काटने की मशीन।
दही बनाने की मशीन।
बल्क मिल्क कूलर।
दूध को गर्म करने का टैंक।
दूध विश्लेषक इत्यादि।
इस मशीन का चुनाव करने से पहले आपको एक बात ध्यान में रखनी हैं कि दूध से जो भी प्रदार्थ बनते हैं उससे जुड़े सभी व्यंजनों की मशीन आपके पास होनी चाहिए।
यदि आप दूध से खोया निकालना चाहते हैं। तो इसके लिए आप इन मशीनो में से खोया मशीन का चुनाव कर सकते हैं।
दूध से क्रीम निकालने या मल्टी फूड मशीन की कीमत क्या हैं ?
इन मशीनो की कीमत इनके काम पर निर्भर करती हैं। मतलब की ये अगर आप ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हो तो मशीन की खरीद पर भी उतना ही पैसा लगाना पड़ेगा। जैसे…
यदि आप एक फूड मशीन को खरीदते है तो उसके लिए आपको 60 हजार रुपए से लेकर 1,07,000 रुपए तक खर्च करना पड़ सकता हैं।
तो वहीं अगर दूध से क्रीम,खोया,मक्ख़न,घी या और व्यंजन निकालने की बात करें तो ऐसी मशीन की कीमत लगभग 5000 रूपए से शुरू होकर और आगे बढ़ती जाती है। दूध की मात्रा के हिसाब से।
निष्कर्ष :
यदि आप अच्छा मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं, तो बिना समय गवाए उपरोक्त दूध से तमाम व्यंजन निकालने की मशीन का चुनाव करें। पर आपको एक बात धयान रखनी है कि यदि आप इस मशीन को खरीदने के बारे में सोच रहें हैं तो इस मशीन के बारे में अच्छे से जानकारी एकत्र करें।
तो वही इस मशीन को खरीदने के लिए एन.के डेयरी इक्विपमेंट्स का चयन भी आप कर सकते हैं। क्युकि यहाँ पर मशीन इनके यहाँ काम करने वाले लोगो के द्वारा ही बनाया जाता हैं, जिससे कि मशीन में खराबी होने की संभावना काफी कम होती हैं।
आज का लेख उन डेयरी उत्पादकों के लिए है जो बहुत सारा खोया बनाने के लिए गैस या भटी का प्रयोग करते है पर उनको अब ऐसा करने की जरूरत नहीं है क्युकि आज हम ऐसे इलेक्ट्रिक उपकरण की बात करने जा रहे है जिसकी मदद से आप खोया को बिना आग और बिना गैस से आसानी से बना सकते है। तो शुरुआत करते है ये जानने के लिए कि आखिर क्या है इलेक्ट्रिक खोया बनाने वाली मशीन ;
क्या है खोया इलेक्ट्रिक मशीन ?
ये एक ऐसी मशीन है जिसकी मदद से बहुत सारा खोया बनाने का काम बहुत कम समय में किया जा सकता है।
इसके अलावा ये मशीन डेयरी उत्पादकों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।
बिजली उपकरण का उययोग करके व्यक्ति खोया मशीन से काफी मुनाफा कमा सकता है।
एक खोया इलेक्ट्रिक मशीन से कितने डेयरी उत्पादकों को बनाया जा सकता है ?
एक मशीन की मदद से डेयरी उत्पादक को काफी मुनाफा होता है। इसके लिए बस आपको एक मशीन खरीदनी है जो खोया,दूध से क्रीम निकालने की मशीन और देसी घी बनाने का काम करती है ।
तो वही इस मशीन व एलपीजी (LPG) गैस और बिजली से चलने वाली इस मशीन की मदद से खोया, पनीर, दही और देसी घी बना सकते है । तो दूसरी तरफ बाजार में 100 लीटर दूध की क्षमता वाली मशीन की कीमत की बात करे तो ये करीब 40000 के आस–पास है।
इसके अलावा ये मशीन 150, 200 और 300 लीटर की क्षमता में भी मिलती है और उनकी कीमत क्षमता के हिसाब से बढ़ती रहती है । वही इन मशीनों का इस्तेमाल करना काफी सरल है। इस मशीन से अलग अलग प्रोडक्ट बनाकर हम ज्यादा देर तक रख सकते है और अच्छी कीमत पर बाजार में बेचकर काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
खोया इलेक्ट्रिक मशीन का मॉडल कैसे बनता है ?
बात करे एनके डेयरी की तो ये अपने ग्राहकों को डीलक्स मॉडल खोया मशीन उपकरण प्रदान करते हैं। जिसके अंदर–
डीजल मॉडल।
गैस मॉडल।
गैस सह डीजल मॉडल।
डीलक्स मॉडल कम बिजली की खपत और उच्च उत्पादकता के साथ उच्च गुणवत्ता वाला है। तो वही अधिकांश मॉडल में स्टेनलेस स्टील का उपयोग भी किया जाता है।
खोया मशीन की मदद से कई डेयरी उत्पादक घी प्लांट करके घी भी बनाते है, जिससे उनकी लागत में काफी मुनाफा होता है।
सुझाव :
खोया मशीन की मदद से आज के समय में काफी डेयरी उत्पादकों ने मुनाफा कमाया है। जिसकी मदद से वो इस मशीन का चयन करते है। इसके अलावा अगर आप भी इस मशीन को खरीदना चाहते है तो एनके डेयरी इक्यूपमेंट का जरूर से चयन करे या फिर आप एनके डेयरी इक्यूपमेंट की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर भी यहाँ में मुखी से इक्यूपमेंट से जुड़े सवालों के लिए भी आप इनसे सम्पर्क कर सकते है।
निष्कर्ष :
यदि आप इलेक्ट्रिक खोया मशीन को खरीदना चाहते हो तो मशीन के बारे में अच्छे से जानकारी हासिल करने के बाद ही इस मशीन का चयन करे। इसके अलावा मशीन को चलाना कैसे है उसके बारे में अच्छे से जाने और उसको जानने के बाद ही इस प्रोडक्ट का चयन करे।
The Dairy industry is growing daily due to the rising demand for milk and its products. You may notice milk has become an essential source for milk-made items (such as curd, cream, buttermilk, cheese, etcetera), puddings, and sweet dishes. There are even several vegetable dishes in which people use milk to add authentic taste and unique flavor. If we talk about the overall development of dairy farming here in India, Dairy Equipment Manufacturers in India play the most prominent role in taking it.
In addition, machines like cream separators, bulk milk containers, homogenizers, Khoya Making Machine, etcetera stimulate dairy owners to expand their business and earn more profit by completing the masses’ demands. If you think nowadays you can grow your milk business efficiently with traditional methods, it is impossible.
What is a ghee plant?
A Ghee Plant refers to a ghee-making firm where an automatic system establishes to turn bulk quantities of milk into ghee to fulfill the demand of people. These are extensive dairy equipment that dairy owners use to produce ghee from cow milk. These machines automatically boil the milk until it turns into a thick yellowish paste (ghee-like paste). Dairy owners set the required temperature and timer to begin the ghee-making process. It starts bustling when ghee is ready to transfer into other containers for selling purposes.
Describe the working for the Ghee Manufacturing process
There are two main methods of ghee making that are:
Traditional ghee-making process: Individuals also know this method as the Vedic ghee manufacturing process, which is further classified into five steps. These five steps play a significant role, from procuring raw material (milk) to turning it into the end product, ghee, and clarified butter. You must complete all of these steps if you want to produce quality ghee from cow milk. The Ayurveda ghee manufacturing process pronounced these steps as ‘Sanskar.’ Let’s have a quick look at these five traditional ghee-making steps:
Procurement and boiling.
Making curd.
Churning
Separating
Heating
Advanced ghee-making process: It is an irrefutable fact that the traditional ghee manufacturing process only works with homemade ghee-making purposes and with less quantity of people. Due to its highly time-consuming process, dairy manufacturers manufacture advanced and more accurate ghee-making methods, known as modern-style or commercial ghee-making processes. In advanced ghee-making techniques, dairy equipment manufacturers eliminate the task of making butter from milk. Under that process, milk cream is directly apart from the milk, and the best quality ghee prepares with this cream. The modern ghee-making process is fragmented into four sub-parts that have been given below:
Direct Cream Method.
Pre-Stratification Method.
Creamery Butter Method.
Continuous Method
NK Dairy Equipments will not only offer you the best machines per your farm’s area but also guide you in the right direction to enhance your profit.
क्रीम सेपरेटर मशीन: बता दे की ये वो मशीन है जिससे जितने भी हमारे किसान भाई हैं, वो इस मशीन की मदद से बहुत ही आसानी से दूध से मक्खन,क्रीम,खोया निकाल सकते हैं |
जहा इस मशीन से किसानो को तो फायदा होता ही हैं, तो वही दूसरी और इस मशीन से डेरी उत्पादकों का भी काफी फायदा होता हैं |
क्या फायदे है खोया मावा या क्रीम सेपरेटर मशीन के :
इस मशीन का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इस में बनाया गया कोई भी मिश्रण (मख्खन,खोया,क्रीम ) ख़राब नहीं होता , जिससे की किसानो को काफी मुनाफा होता हैं |
इस मशीन से हम एक मात्र दूध से कई सारे पर्दार्थो का निर्माण करते है, जिससे कि समय का भी बचाव होता है और पैसे भी काफी बन जाते हैं |
यहाँ गौरतलब करने वाली बात ये है की जिन किसानों या डेयरी संचालकों के पास रोज 100 लीटर से ज्यादा के दूध का उत्पादन होता है वे लोग दूध के कुछ हिस्से का खुद से पनीर, दही, छाछ, खोया और देसी घी बनाकर बेचे तो उन्हें काफी मुनाफा मिलेगा इस मशीन से।
इस मशीन की कीमत क्या हैं :
बता दे की इस मशीन की कीमत दूध के लीटर पर आधारित होती है मतलब कि ये अगर आप 100 लीटर वाली मशीन खरीदते हैं, तो उसकी कीमत 40,000 के आस पास होगी। तो इस हिसाब से आप अंदाजा लगा सकते है कि कितने लीटर की मशीन का दाम कितना होगा |
सुझाव :
यदि आप भी दूध से क्रीम या दूध से बने अन्य उत्पाद निकालना चाहते हैं, तो दूध से क्रीम निकालने की मशीन, खोया मशीन जरूर ख़रीदे और अच्छा मुनाफा पाए।
दूध से क्रीम को निकालने की प्रक्रिया :
अक्सर हम दूध से क्रीम निकालने की मशीन आसानी से ख़रीद लेते है पर उस मशीन का इस्तेमाल कैसे करना है वो हम नहीं कर पाते, तो कुछ निम्न बातों को ध्यान में रख कर हम इस मशीन कि प्रक्रिया के बारे में जानेगे………….
सबसे पहले आपको क्रीम सेपरेटरका सही रूप से किसी भारी आधार के साथ नट बोल्टों की सहायता से इसे पक्का कर देना चाहिए ताकि जब उसे चलाया जाए तो ये हिले नही।
इसके बाद स्प्रेटर का हर हिस्सा साफ़ सुथरा होना चाहिए और इस्तेमाल करने के बाद इसको खोल कर अच्छी प्रकार से गर्म पानी से धोना और सुखा लेना चाहिए। और स्प्रेटर में दूध डालने से पहले यदि दूध को हल्का गर्म किया जाए तो क्रीम में वसा अधिक मात्रा में निकलेगी।
ध्यान रहे की क्रीम सेपरेटर को कम वोल्टेज पर नहीं चलाना हैं, क्युकि कम वोल्टेज से उसकी स्पीड में अंतर आ जाता है और स्प्रेटे दूध में अधिक फैट की मात्रा की हानि होती है। और सेपरेटर में गेयर आयल का ध्यान रखना चाहिए और इसे समय-समय पर बदलते रहना चाहिए ताकि आपको कोई परेशानी न हो।
तो वहीं सेपरेटर के विभिन्न हिस्सों को सावधानी और कुशलता से जोड़ना और खोलना चाहिए क्योंकि एक भी डिस्क खराब हो जाती है तो क्रीम सेपरेटर अच्छी तरह काम नहीं करेगा।
निष्कर्ष :
यदि आप भी दूध से इतने व्यंजन बनाना चाहते है, तो NK Dairy Equipments जोकि हरियाणा में स्थित हैं से इस मशीन को मंगवा सकते है, और बता दे कि इस मशीन को मँगवाने की सुविधा ऑनलाइन भी प्रस्तुत हैं।
बढ़ती महंगाई के चलते खाने वाली चीज से लेकर डेयरी उत्पादों का भी काफी भाव बढ़ चुका है। पर बहुत से लोग ऐसे भी है की कम दाम और बेहतरीन चीज की चाहत रखते है जिसके चलते काफी बार डेयरी उत्पादकों को नुकसान हो जाता है।
पर अब कहीं न कहीं उनका नुकसान कम होगा, क्योंकि पहले उन्हें डेयरी प्रोडक्ट को बनाने में काफी खर्चा होता था पर अब सिर्फ एक मशीन की मदद से डेयरी उत्पादक को एक साथ कई प्रोडक्ट बनाने की सुविधा तो होगी ही और साथ ही उनका मुनाफा भी अच्छा होगा, तो जानते है की आखिर वो ऐसी कौन-सी मशीन है जिसकी मदद से डेयरी उत्पादकों को काफी मुनाफा होगा ;
खोया मशीन कैसे फायदेमंद है डेयरी उत्पादक कार्यो में ?
बिजली उपकरण का उययोग करके डेयरी उत्पादक खोया मशीन से काफी मुनाफा कमा सकते है। वही इस मशीन से कम समय में बहुत सारा खोया आसानी से बना सकते है।
इस खोया मशीन की मदद से खोया भी शुद्ध और सही क्वालिटी में बनता है और इसके स्वाद में भी कोई खराबी नहीं होती जिसके चलते डेयरी उत्पादक आसानी से इस मशीन से बहुत सारा खोया निकालने में सक्षम हो पाते है। अगर आप भी मशीन से खोया बनाने वाला प्रोडक्ट लेना चाहते है तो भारत में डेयरी उपकरण निर्माताका चयन करें।
घी बनाने वाली मशीन कैसे डेयरी उत्पादकों को दिला सकती है मुनाफा ?
LPG गैस और बिजली से चलने वाली इस मशीन की मदद से खोया, पनीर, दही और देसी घी आसानी से बनाया जा सकता है। वही बाजार में 100 लीटर दूध की क्षमता वाली मशीन की कीमत करीब 40000 के आस-पास है।
इस मशीन की मदद से डेयरी उत्पादकों को भी काफी मुनाफा होता है। इसलिए आप भी अगर चाहते है की आपको और अधिक मुनाफा हो तो इसके लिए आपको खोया मशीन, घी प्लांट का चयन करना चाहिए।
क्या खोया, पनीर, दही और देसी घी बनाने वाली मशीन डेयरी उत्पादकों को खरीदनी चाहिए ?
इन मशीनो का चुनाव अक्सर वही लोग करते है जिनका अपना खुद का बड़ा डेयरी उत्पादक का काम है इसके अलावा बहुत ही कम समय में इस मशीन की मदद से डेयरी उत्पादक को काफी मुनाफा हो सकता है अगर वो इस मशीन का चयन करते है।
वही यह मशीन महंगी जरूर है पर आपको एक बार ही ये खर्चा करना है उसके बाद आगे चल के आपको मुनाफा ही मुनाफा हो सकता है इस मशीन की मदद से।
सुझाव :
अगर आप भी डेयरी उत्पादक का काम शुरू करने वाले है तो इसको शुरू करने से पहले आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपको आगे चल के कोई नुकसान न हो इस बिजनेस से। इसलिए इस बिजनेस को शुरू करने से पहले दूध से जो भी प्रोडक्ट बनते है उसको बनाने वाली मशीन का चयन करें और अगर आप इस सोच में है की आप इस मशीन का चयन कहा से करेंगे तो इसके लिए हम आपको एन.के डेयरी इक्विपमेंट्स से इस मशीन को खरीदने की सलाह देंगे। क्योंकि यहाँ पर मशीन अच्छी क्वालिटी और उचित दाम में आसानी से मिल सकता है।
निष्कर्ष :
अगर आप मशीन को खरीदने के बारे में सोच रहें है तो इसको खरीदने से पहले मशीन की ब्लेट्स अच्छे से देखे की वो अच्छे से घूम रही है या नहीं और मशीन के बारे में अच्छे से जानकारी जरूर से हासिल करें।
The Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) plays an important part in ensuring the security and quality of food products in the country. In a recent notification concerning khoya, a famous dairy product, the FSSAI has emphasised the significance of pan-India testing and quality standards.
This notification has critical implications for the dairy industry, including dairy equipment manufacturers in India. Explore the implications of this administrative update on the production and safety standards of khoya, offering experiences into how it will improve the general quality assurance of this famous dairy product.
In this blog post, we will investigate the FSSAI’s notification and its effect on quality assurance in the production of khoya and related dairy products.
Ensuring Quality through Pan-India Testing: Ensuring Quality through Pan-India Testing: The FSSAI’s notification on khoya features the necessity for pan-India testing to ensure uniform quality across diverse regions. By implementing rigorous testing protocols, the FSSAI aims to address variations in the quality of khoya, which may arise due to different manufacturing processes, ingredients, and handling practices.
Dairy equipment manufacturers in India, such as NK Dairy Equipment, play an important role in supporting this initiative by producing cutting-edge machinery that adheres to the FSSAI’s quality assurance guidelines.
The Role of Khoya Machines in Quality Production: Khoya machines are vital dairy equipment used in the manufacturing of khoya. These machines facilitate the reduction of milk into a concentrated, solid form, ensuring the desired texture and consistency.
With the FSSAI’s notification, khoya machine operators must ensure that their equipment satisfies the stipulated requirements for cleanliness, safety, and quality. Regular maintenance, appropriate cleaning, and adherence to best practises are critical for preserving the final product’s integrity.
Ghee Plants and Compliance with FSSAI Guidelines: Ghee, a clarified form of butter, is a popular and culturally significant food in India. Ghee facilities are responsible for the manufacturing of this valued dairy product. The FSSAI’s notification on khoya has an indirect impact on ghee factories as well, because the quality of khoya used as a basic ingredient has a direct impact on the quality of ghee produced.
To maintain the integrity and safety of their plants, ghee plant owners must assure the sourcing of high-quality khoya and strict adherence to the FSSAI’s rules.
Collaboration for Quality Assurance: To fulfill the FSSAI’s quality guidelines, the dairy industry should team up intently. Dairy equipment manufacturers in India, for example, NK Dairy Equipment, play an essential role in developing advanced machinery that improves proficient and hygienic production processes. This joint effort guarantees the accessibility of safe, top-notch khoya, and predominant ghee products.
Conclusion
The FSSAI’s notification on khoya and its emphasis on pan-India testing and quality standards have sweeping implications for the dairy industry. For cutting-edge dairy equipment solutions that meet FSSAI’s quality necessities, turn to NK Dairy Equipment.
As leading dairy equipment manufacturers in India, we are committed to delivering reliable and innovative machinery for the production of khoya, ghee, and other dairy products. Reach us today to explore our range of products and support your journey toward excellence in the dairy industry.