खोया बनाने की प्रक्रिया में दूध को तरल पदार्थ से ठोस पदार्थ में तब्दील किया जाता है | हालाँकि खोया बनाने में कई तरह के चरण और रणनीतियां शामिल होते है, जिनके माध्यम से दूध को मावा या फिर खोया में बदलने के लिए व्यवस्थित रूप से किया जाता है | खोया बनाने की पारंपरिक प्रक्रिया में अधिक समय और मेहनत वाली होती है, लेकिन डेयरी उपकरणों में आये उन्नत ने खोया बनाने वाली प्रक्रिया को काफी आसान कर दिया है | खोया में एक समृद्ध मलाईदार स्वाद मौजूद होता है, जो भारत के सभी मीठे व्यंजनों में चार-चाँद लगाने का काम करता है | भारत के अधिकतर मिठाइयों में मावा यानी खोया का उपयोग किया है, जो उन मिठाइयों के स्वाद को कई गुना बेहतर बना देते है | एनके डेयरी इक्विपमेंट द्वारा प्रस्तुत खोया बनाने वाली मशीन ने खोया बनाने वाली पारंपरिक प्रक्रिया में उन्नत लाने का काम किया है, जिसके सहारे अब आसानी और कम समय में दूध से खोया का तैयार किया जा सकता है | आइये जानते है, ऐसे ही कुछ टिप्स एंड ट्रिक्स के बारे में, जिसका उपयोग खोया बनाने वाली प्रकिया में किया जाता है :-
दूध को दही में तब्दील करें
मावा बनाने के पहले चरण में दूध को अच्छे से गर्म किया जाता है, फिर इस गर्म दूध में मात्रा के अनुसार नींबू का रस या सिरका या फिर बटरमिल्क यानी छाछ को मिलाया जाता है | नींबू का रस या सिरका या फिर बटरमिल्क यानी छाछ, एक अम्लीय एजेंट के रूप में काम करते है, जो दूध में दही बनाने की प्रक्रिया को उत्तेजित करता है | इस प्रक्रिया में बना मट्ठे को ठोस पदार्थ से अलग कर दिया जाता है, फिर बचे हुए अवशेषों में से अतिरिक्त मट्ठे को निकालने के बाद खोया को तैयार किया जाता है |
उबालना
मावा बनाने की इस प्रक्रिया में दही को धीमी आंच में अच्छे से पकाया और उबाला जाता है | खोया बनाने के लिए इससे धीमी आंच में पकाना बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि पकाने के दौरान दूध में मौजूद अतिरिक्त नमी जमने लग जाती है | वाष्पीकरण की प्रक्रिया के बाद ठोस पदार्थ और भी गाढ़ा हो जाता है |
लगातार दूध को हिलाते रहना
खोया बनाने की प्रक्रिया में दूध को निरंतर हिलाते रहना पड़ता है, क्योंकि यह प्रकिया खोया बनने में अपनी अहम भूमिका को निभाते है | हालाँकि पारंपरिक खोया बनाने वाली प्रकिया में कारीगरों की सहायता लेनी पड़ती है | लेकिन खोया बनाने वाली मशीन से इस प्रक्रिया को बड़ी आसानी से और बिना किसी कारीगर की सहायता से किया जा सकता है | इसके अलावा खोया बनाने वाली मशीन समान रूप से गर्म होने को सुनिश्चित करता है और स्टेनलेस स्टील से बनने के कारण यह मशीन खोया को जलने से भी बचाता है |
मावा में मिलाया जाता है घी
खोया बनाने की प्रक्रिया दौरान, इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें घी को मिलाया जाता है | घी एक स्पष्ट मक्खन की तरह होता है, जो खोया एक चमकदार फिनिश प्रदान करता है और अन्य बर्तनों में चिपकने से भी रोकता है |
स्वाद के लिए मिलाई जाती है चीनी
अच्छे से पकने के बाद, खोया में स्वादानुसार चीनी मिलाई जाती है, हालांकि बिना चीनी के भी खोया डेयरी में उपलब्ध होते है | लेकिन भारतीय मिठाई बनाने के लिए खोया का मीठा होना ज़रूरी होता है | खोया में चीनी मिलते समय यह सुनिक्षित किया जाता है की मिठास खोया की समृद्धि से मेल खाये |
तड़का
खोया बनाने के अंतिम चरण में, इससे तड़का लगाया जाता है | पूरी तरह से खोया के पकने के बाद, मनसचही स्थिरता को प्राप्त करने के लिए इससे आंच से उतार कर, ठंडा होने के लिए अलग रख दिया जाता है | खोया के ठंडा होने के बाद इससे मनचाहे आकर में या फिर इसके बाउल्स बनाकर रख दिया जाता है | अब इसका आप जब चाहे और जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकते है |
निष्कर्ष
पारंपरिक तौर पर खोया बनाने में समय काफी व्यर्थ होता है और मेहनत भी काफी अधिक होती है | इसी बात का ध्यान रखते हुए एनके डेयरी इक्विपमेंट ने खोया मेकिंग मशीन का निर्माण किया है | इस मशीन के माध्यम से कम समय में और अधिक सरलता से आप खोया का निर्माण कर सकते है | यदि आप भी ऐसे ही मशीन की तलाश कर रहे है तो इसके लिए आप एनके डेयरी इक्विपमेंट से परामर्श कर सकते है | एनके डेयरी इक्विपमेंट हरियाणा के बेहतरीन और उपयुक्त डेयरी उपकरण निर्माता में से एक है, जो पूरे भारत में डेयरी इक्विपमेंट के निर्माण और आपूर्तिकर्ताओं का कार्य करते है | इसलिए आज ही एनके डेयरी इक्विपमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं और अधिक जानकारी को प्राप्त करने के लिए दिए गए नंबरों से संपर्क करें | यह संस्था इस विषय की संपूर्ण जानकारी को प्रदान करने में आपकी पूर्ण रूप से मदद करेंगे |