कई वर्षों से डेयरी फार्म से जुड़े किसान गायों से दूध को इकट्ठा करने के लिए पारंपरिक तरीकों का प्रयोग करते आ रहे है, जबकि यह प्रक्रिया एक समय लेने वाली और थकावट देने वाली होती है | तकनिकी में हुए उन्नत की वजह से अब दूध देने मशीनों का उपयोग से डेयरी फार्म के किसान के लिए दूध को इकट्ठा करना और इसे वितरित करना बेहद आसान हो गया है | छोटे पैमाने वाले डेयरी फार्म से जुड़े किसानों को प्रत्येक दिन कई तरह के वित्तियों बाधाओं से गुजरना पड़ जाता है | इसके अलावा पूंजी की कमी, पशुओं के स्वास्थ्य का ख़राब होना, बढ़ती हुई क्रिया संचालन लगात, कम स्तर में उत्पादकता, वित्त-संबंधी सहायता की कमी होना और महंगे उपकरण आदि भी इन वित्तियों बाधाओं में शामिल होते है |
भारत में डेयरी फार्म को एक आवश्यक वस्तु की तरह माना जाता है, इसलिए इन किसानों के पास किफायती और आधुनिक समाधानों का मौजूद होना बेहद ज़रूरी होता है, जो उनके संचालन को बेहतर बनाने में और लाभदायक बने रहने में मदद करता है | एक किफायती और उच्च गुणवत्ता से भरपूर दूध देने वाली मशीन सभी समस्यों के सरल समाधान के लिए सक्षम होती है | इन मशीनों का निर्माण गायों से कुशलतापूर्वक, स्वच्छतापूर्वक और कम समय में दूध को निकलने के लिए किया गया है | हाथ से गायों से दूध निकलने में समय भी काफी व्यर्थ होता था और क्रिया संचालन लागत भी काफी बढ़ जाती थी | आइये जानते है बजट-अनुकूल दूध देने के समाधान का चुनाव करते हुए किन बातों का ध्यान देना बेहद ज़रूरी होता है |
बजट-अनुकूल दूध देने के समाधान का चुनाव करते हुए किन कारकों पर ध्यान देना होता है आवश्यक
छोटे पैमाने में डेयरी फार्म करने वाले किसानों के लिए दूध देने वाली मशीन की खरीदारी में एक महत्वपूर्ण निवेश हो सकता है | इस मशीन से न केवल उनके खेत की उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि लंबे समय के लिए अच्छे परिणाम भी प्राप्त होंगे | हालाँकि इस मशीन को खरीदने से पहले, इससे जुड़े कुछ कारकों पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी होता है, जिनमें शमिल है :-
- कुशलता और उत्पादकता :- सबसे पहले किसानों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए की यह मशीन एक बार में कितने लीटर दूध को निकाल सकती है | यदि यह अधिक मात्रा में दूध को निकलती है तो इसका यह मतलब यह है बाकी की तुलना में इस मशीन की उत्पादन सबसे अधिक है |
- टिकाऊपन और लंबी उम्र :- दूध देने वाली मशीन को खरीदना एक छोटे पैमाने वाले किसानों के लिए, एक बहुत बड़ा निवेश हो सकता है, लेकिन यह मशीन आने वाले कई सालों तक अच्छे परिणामों को प्रदान कर सकती है |
- देखभाल में आसानी :- दूध देने की प्रक्रिया में स्वच्छता को बनाए रखने और मशीन साफ़-सफाई करने में आसान होनी चाहिए | इसके साथ ही बार-बार मुरम्मत को करवाने की ज़रुरत न पड़े, जिसकी वजह से खर्चा बढ़ सकता है |
- क्रिया संचालन लागत :- किसानों को मशीन का उपयोग करने के लिए, इससे जुड़े कई तरह के क्रिया संचालन लागत पर ध्यान देना चाहिए, जैसे की श्रम और बिजली का शुल्क आदि शामिल है |
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