फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी, इंडिया यानी एफएसएसएआई के लिए फ़ूड में मिलावट, एक बहुत बड़ा और चिंता का विषय बन गया है | खासकर दूध और दूध से बने पदार्थ, पानी से लेकर यूरिया, डिटर्जेंट और स्टार्च जैसे पदाथों में मिलावट होने के केसेस भी बहुत सामने आ रहे है | जब भी फ़ूड और फ़ूड के गुणवत्ता की बात आती है तो उनके नेचुरल न्यूट्रिशन महत्तवता को बनाये रखना अत्यंत महतवपूर्ण हो जाता है | दूध और दूध से बने पदार्थ का उपयोग सोसाइटी के विभिन्न वर्गों द्वारा किया जाता है | दूध कैल्शियम, विटामिन और अन्य आवश्यक न्यूट्रिशन होने के कारण, इनमें गैर-मिलावटी की जांच करना और अनुमति देना, मिनिस्टरी ऑफ़ हेल्थ एंड फॅमिली वेलफेयर और एफएसएसएआई बोर्ड के लिए दिन-प्रतिदिन चुनौती बनाते जा रहा है | आइये समझते है इस विषय को विस्तारपूर्वक से :-
दूध में मिलावट क्या होता है ?
दूध में मिलावट का अर्थ है, उपभोक्ताओं को बेचने से पहले दूध में ख़राब गुणवत्ता वाले पदार्थों को और सुब्स्टीट्युइट को मिलकर, जानबूझकर दूध के गुणवत्ता को ख़राब किया जाता है | इसके साथ ही कभी-कभार अधिक मुनाफे के लिए वैलयूबल पदार्थों और नुट्रिएंट्स को भी बदल दिया जाता है, जिसकी वजह से भोजन के नेचर और गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ जाता है और भोजन की नुट्रिएंट्स वैल्यू भी गिर जाती है या फिर घटिया हो जाती है | दूध और दूध से बने पदार्थ में मिले मिलावट को ऐसा माना जाता है की जब,
- सुब्स्टेन्सेस सब्स्टिट्यूट को बदल दिया जाता है तो इससे दूध की गुणवत्ता और शुद्धता में भारी गिरावट आ जाता है |
- गुणवत्ता की कमी वाले दूध या फिर नकली दूध और उससे बने पदार्थ के बेचने की संभावना हो सकती है |
- न्यूट्रिशनल स्टैंडर्ड से समझौता करने के लिए दूध की बाहरी बनावट में सुधार के लिए, उसे परिवर्तित और रंगीन किया जाता है |
- शरीर स्वास्थ्य के लिए यह हानिकारक पदार्थ को होते है |
मिलावटी दूध कंसम्पशन शरीर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और समय के बीतने के साथ-साथ पोषण की कमी, वृद्धि और विकास में हानि, हड्डियों और दांतों में विकृति और भी ऐसे अन्य कई तरह समस्याएं उत्पन्न हो सकती है |
मिलावट की जांच कैसे करें ?
मिनिस्टरी ऑफ़ हेल्थ एंड फॅमिली वेलफेयर के तहत एफएसएसएआई ने अब घर में ही घरेलु पदार्थों का उपयोग करके दूध के गुणवत्ता और शुद्धता का पता लगाने के लिए कई तरह के टेस्ट्स की सूचि तैयार की है, जो है रैपिड टेस्ट्स, डिटेक्टिंग अडल्ट्रेनेंट्स विथ रैपिड टेस्ट्स के साथ दूध में मिलावट का पता लगाकर फ़ूड अडल्ट्रेशन को प्रिवेंट करते है, जिससे कंस्यूमर डिसेप्शन और स्वास्थ्य को प्रभावित होने से रोका जा सकता है | इससे उपभोगताओं के बीच मिलावट के प्रति अवेयरनेस जागरूक होती है |
भोजन हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा होता है | भोजन या फिर दूध में मिलावट जानबूझकर उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले, न्यूट्रिशन-रिच और सुरक्षित खाने के लिए धोखे के लिए किया जाता है | यदि आपको भी आपके घर में दूध में मिलावट होने का संदेह हो रहा है, इसकी आवश्यक जांच करें |
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